विरासत द्वारा आयोजित घूमर प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन त्रिआयामी कार्यक्रमों के साथ गंगाशहर स्थित टीएम ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ।
विरासत द्वारा आयोजित घूमर प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन त्रिआयामी कार्यक्रमों के साथ गंगाशहर स्थित टीएम ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत सरस्वती व नटराज के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर की गई। मुंबई से आई 8 वर्षीय बाल कलाकार तनीषा दस्साणी ने भरतनाट्यम शैली में गणेश वंदना प्रस्तुत की, जिसे देखकर सभी भाव विभोर हो गए। इसके बाद कार्यक्रम का प्रथम चरण घूमर नृत्य के पांच रंगों के रूप में शुरू किया गया। एजी हां सा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजे सा, पल्लो लटके, बाईसा रा बीरा, ओ म्हारी घूमर छे नखराळी ए मां व केसरिया बालम पधारो म्हारे देस लोक गीतों व मांड के लाइव गायन वादन के साथ बच्चियों व महिलाओं ने सामूहिक प्रस्तुतियां दी। केसरिया बालम पर हुए नृत्य में घूमर व कत्थक के मिश्रण ने दर्शकों को उत्साहित और आनंदित कर दिया। प्रशिक्षक पं पन्नालाल कत्थक के निर्देशन में इन सराहनीय प्रस्तुतियों में खचाखच भरा की एम आडिटोरियम तालियों से गूंजायमान होता रहा। प्रथम चरण में संगीत गुरू पंडित पुखराज शर्मा के निर्देशन में तबले पर ताहिर हुसैन, ढ़ोलक पर लियाकत अली, ऑक्टोपेड पर शहादत अली, पढ़ंत में घूमर प्रशिक्षण अशोक जमड़ा व सह गायिका के रूप में गरिमा पंडित ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। अभिभावकों व दर्शकों को इन प्रस्तुतियों को देखकर प्रशिक्षण की सार्थकता की अनुभूति हुई। |